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अमिताभ कांत की नई उड़ान: इंडिगो बोर्ड में गैर-कार्यकारी निदेशक की नियुक्ति
भारत के नीति निर्धारण क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम अमिताभ कांत अब निजी विमानन क्षेत्र में भी एक नई भूमिका निभाने जा रहे हैं। देश की अग्रणी एयरलाइन कंपनी इंडिगो (IndiGo) ने उन्हें गैर-कार्यकारी निदेशक (Non-Executive Director) के रूप में नियुक्त किया है। यह नियुक्ति 3 जुलाई 2025 से प्रभावी मानी जा रही है।
✈️ कौन हैं अमिताभ कांत?
अमिताभ कांत भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 1980 बैच के केरल कैडर के अधिकारी हैं। उन्होंने नीति आयोग के सीईओ के रूप में भारत के आर्थिक और नवाचारात्मक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्टार्टअप इंडिया’ और ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ जैसे बड़े अभियानों का नेतृत्व कर चुके हैं।
🧭 इंडिगो में नई जिम्मेदारी
इंडिगो एयरलाइंस की पेरेंट कंपनी InterGlobe Aviation Limited ने उन्हें अपने डायरेक्टर बोर्ड में गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया है। इसका सीधा मतलब यह है कि वे अब कंपनी की रणनीतियों और दीर्घकालिक योजनाओं में मार्गदर्शन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, हालांकि वे प्रतिदिन की गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे।
📊 यह नियुक्ति क्यों है खास?
1. अनुभव का लाभ: नीति आयोग में कार्यकाल के दौरान अमिताभ कांत ने जिस तरह से पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP), नीति सुधार और वैश्विक निवेश को भारत में आकर्षित किया, उसी अनुभव को अब इंडिगो अपने विकास के लिए इस्तेमाल करेगा।
2. कॉर्पोरेट सेक्टर की ओर कदम: यह बदलाव यह दर्शाता है कि अब पब्लिक सेक्टर के अनुभवी अधिकारी निजी कंपनियों के साथ मिलकर भारत की कॉर्पोरेट गवर्नेंस को और भी मजबूत कर रहे हैं।
3. इंडिगो के लिए रणनीतिक बढ़त: अमिताभ कांत की ग्लोबल नेटवर्किंग और नीति निर्धारण में विशेषज्ञता इंडिगो को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई संभावनाओं तक पहुंचाने में मदद कर सकती है।
💬 क्या बोले इंडिगो?
इंडिगो की तरफ से यह बताया गया कि अमिताभ कांत जैसे अनुभवी व्यक्ति की बोर्ड में उपस्थिति, कंपनी के दीर्घकालिक विजन को मजबूती प्रदान करेगी और नीति-निर्माण के लिहाज से एक नया दृष्टिकोण लेकर आएगी।
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अमिताभ कांत की इंडिगो में नियुक्ति सिर्फ एक नामांकन नहीं, बल्कि एक संकेत है — कि भारत में निजी कंपनियां अब नीतिगत विशेषज्ञता को अपने बिजनेस मॉडल में शामिल करने के लिए तत्पर हैं। यह साझेदारी भारत के एविएशन सेक्टर और कॉर्पोरेट शासन के लिए एक प्रेरणास्पद कदम माना जा रहा है।
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🗞️ इंडिगो बोर्ड में अमिताभ कांत की नियुक्ति: क्या-क्या फैसला हुआ?
भारत की अग्रणी विमानन कंपनी इंडिगो एयरलाइंस ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत को अपनी मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड के निदेशक मंडल में गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया है। यह फैसला 3 जुलाई 2025 से प्रभावी होगा।
✔️ प्रमुख फैसले और बिंदु:
1. गैर-कार्यकारी निदेशक की भूमिका:
अमिताभ कांत को कंपनी के बोर्ड में शामिल किया गया है लेकिन वे रोजाना संचालन में हिस्सा नहीं लेंगे।
उनका मुख्य कार्य होगा रणनीतिक सुझाव देना, नीति में सुधार को बढ़ावा देना और दीर्घकालिक विकास में मार्गदर्शन देना।
2. नीति आयोग के अनुभव का लाभ:
इंडिगो को विश्वास है कि कांत का नीति निर्धारण और वैश्विक अनुभव कंपनी को वैश्विक विस्तार और कॉर्पोरेट स्थिरता में मदद करेगा।
3. कॉरपोरेट गवर्नेंस को मज़बूती:
कांत की नियुक्ति से कंपनी की छवि और निर्णय प्रणाली को मजबूती मिलेगी, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।
4. नई दृष्टिकोण की उम्मीद:
बोर्ड को एक ऐसा नेता मिला है जो सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर में गहरी समझ रखता है, जिससे इंडिगो को नीति व नियमन से जुड़े मामलों में सहायता मिलेगी।
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यह नियुक्ति इंडिगो की सोच को दर्शाती है कि वह सिर्फ तकनीकी संचालन पर नहीं, बल्कि नीति और रणनीति पर भी गंभीरता से ध्यान दे रही है। अमिताभ कांत के आने से इंडिगो को एक नया विजन और नेतृत्व मिल सकता है।