चेन्नई सुपर किंग्स आईपीएल 2025 प्रदर्शनCSK क्यों हार रही है

Kanha Masram
9 Min Read

photo credit by Jagranjosh.com

आईपीएल 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ज्यादा मैच क्यों नहीं जीत पा रही?चेन्नई सुपर किंग्स (CSK), जो इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की सबसे सफल फ्रेंचाइजी में से एक है, ने पांच बार खिताब जीता है और हमेशा अपनी स्थिरता और दबदबे के लिए जानी जाती है। हालांकि, आईपीएल 2025 में CSK का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। 6 मैचों में केवल 1 जीत के साथ, टीम पॉइंट्स टेबल में नौवें स्थान पर है, और प्रशंसकों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उनकी पसंदीदा “येलो आर्मी” इस बार क्यों पिछड़ रही है।

1. बल्लेबाजी में असंगति और मिडिल ऑर्डर की नाकामीCSK की बल्लेबाजी इस सीजन में उनकी सबसे बड़ी कमजोरी रही है। ओपनिंग जोड़ी, डेवोन कॉनवे और रचिन रविंद्रा, समय पर रन बनाने में नाकाम रही है। दोनों बल्लेबाज टाइमिंग पर निर्भर हैं, लेकिन पावरप्ले में आक्रामकता की कमी ने टीम को शुरुआती दबाव में ला दिया। उदाहरण के लिए, कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के खिलाफ CSK ने पावरप्ले में केवल 31/2 रन बनाए, जिसमें 20 डॉट बॉल्स थीं।मिडिल ऑर्डर में राहुल त्रिपाठी, विजय शंकर, और दीपक हुड्डा जैसे खिलाड़ियों ने निरंतरता दिखाने में असफलता दिखाई है। 2023 में अंबाती रायडू जैसे मिडिल ऑर्डर के मजबूत बल्लेबाज की कमी इस बार साफ दिख रही है। 2024 में डेरिल मिशेल को इस भूमिका में आजमाया गया, लेकिन वह भी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। एमएस धोनी और रविंद्र जडेजा की फिनिशिंग क्षमता अब पहले जैसी नहीं रही, जिसके चलते निचले क्रम पर दबाव बढ़ गया है।उदाहरण: KKR के खिलाफ CSK 103/9 पर सिमट गई, जो चेपॉक में उनका सबसे कम स्कोर था। यह उनकी बल्लेबाजी की कमजोरी को दर्शाता है।

2. मेगा ऑक्शन के बाद स्क्वॉड का तालमेल न बैठनाआईपीएल 2025 मेगा ऑक्शन के बाद CSK ने केवल पांच खिलाड़ियों (रुतुराज गायकवाड़, एमएस धोनी, रविंद्र जडेजा, शिवम दुबे, और मथीशा पथिराना) को रिटेन किया और नए खिलाड़ियों पर बड़ा दांव लगाया। रविचंद्रन अश्विन (9.75 करोड़), नूर अहमद (10 करोड़), और सैम कुरेन जैसे खिलाड़ियों को शामिल किया गया, लेकिन नए खिलाड़ियों को CSK की रणनीति और चेपॉक की परिस्थितियों में ढलने में समय लग रहा है।बैटिंग कोच माइक हसी ने भी स्वीकार किया कि मेगा ऑक्शन के बाद नए खिलाड़ियों को अपनी भूमिका समझने में समय लगता है। विजय शंकर और दीपक हुड्डा जैसे खिलाड़ी, जिन्हें CSK ने देर से अपनी फॉर्म में वापसी की उम्मीद में चुना, अब तक प्रभाव नहीं छोड़ पाए। यह स्क्वॉड का तालमेल न बैठना CSK की हार का एक बड़ा कारण है।

3. रुतुराज गायकवाड़ की चोट और कप्तानी में बदलावरुतुराज गायकवाड़, जो 2024 में CSK के कप्तान बने, इस सीजन में कोहनी की चोट के कारण पांच मैचों के बाद बाहर हो गए। उनकी अनुपस्थिति ने टीम को दोहरी मार दी—एक तो उनकी स्थिर बल्लेबाजी की कमी, और दूसरा नेतृत्व में बदलाव। एमएस धोनी ने फिर से कप्तानी संभाली, लेकिन 43 साल की उम्र में उनकी फिनिशिंग क्षमता और रणनीतिक फैसले पहले जैसे प्रभावी नहीं रहे।रुतुराज की चोट ने टॉप ऑर्डर को और कमजोर किया, क्योंकि वह न केवल रन बनाते थे बल्कि पारी को स्थिरता भी प्रदान करते थे। धोनी ने KKR के खिलाफ हार के बाद कहा कि टीम को पार्टनरशिप की कमी और बहुत सारे विकेट जल्दी गंवाने की वजह से दबाव का सामना करना पड़ा।

4. चेपॉक की पिच का अप्रत्याशित व्यवहारCSK हमेशा चेपॉक की स्पिन-फ्रेंडली पिच पर अपनी रणनीति बनाती रही है। इस बार, हालांकि, पिच ने अप्रत्याशित व्यवहार दिखाया है। पिच उतनी टर्न नहीं दे रही, जितनी CSK की स्पिन-हैवी रणनीति के लिए जरूरी थी। रविंद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन, और नूर अहमद जैसे स्पिनरों पर भारी निवेश के बावजूद, ये गेंदबाज अपेक्षित प्रभाव नहीं डाल पाए।इसके अलावा, CSK का पावरप्ले और डेथ ओवर्स में तेज गेंदबाजी का अभाव भी उजागर हुआ। मथीशा पथिराना को छोड़कर, टीम के पास कोई भरोसेमंद पेसर नहीं है, जो शुरुआती विकेट ले सके या अंतिम ओवर्स में रन रोक सके।

5. पावरप्ले में कम स्कोर और डॉट बॉल्स की अधिकताआईपीएल 2025 में औसत पावरप्ले स्कोर 57 रन है, जबकि CSK का औसत केवल 45 रन है। यह अंतर उनकी बल्लेबाजी की रूढ़िगत शैली को दर्शाता है। कॉनवे और रविंद्रा जैसे ओपनर आक्रामक शॉट्स खेलने के बजाय टाइमिंग पर निर्भर करते हैं, जिससे रन रेट कम रहता है। KKR के खिलाफ CSK ने पावरप्ले में 20 डॉट बॉल्स खेलीं, जो उनकी निष्क्रियता को दर्शाता है।धोनी ने भी इस बात पर जोर दिया कि उनकी टीम को पावरप्ले में 60 रन का पीछा करने की बजाय पार्टनरशिप पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन यह रणनीति आधुनिक टी20 क्रिकेट में पिछड़ रही है, जहां शुरुआती आक्रामकता महत्वपूर्ण है।

6. अनुभवी खिलाड़ियों की उम्र और फॉर्मCSK की कोर टीम में कई अनुभवी खिलाड़ी हैं, जैसे धोनी (43), जडेजा (36), और अश्विन (38), जिनकी उम्र अब उनके प्रदर्शन पर असर डाल रही है। धोनी की फिनिशिंग अब पहले जैसी नहीं है, और उनकी बल्लेबाजी में तेजी की कमी दिखती है। उदाहरण के लिए, राजस्थान रॉयल्स (RR) और दिल्ली कैपिटल्स (DC) के खिलाफ उनकी धीमी पारियां (16(11) और 30*(26)) हार का कारण बनीं।जडेजा और अश्विन जैसे ऑलराउंडर भी इस सीजन में गेंद और बल्ले दोनों से प्रभावित करने में असफल रहे। यह “डैड्स आर्मी” की आलोचना को फिर से हवा दे रहा है, जिसे CSK ने 2018 में गलत साबित किया था, लेकिन 2025 में यह कमजोरी साफ दिख रही है।

7. विपक्षी टीमों की बेहतर रणनीतिआईपीएल 2025 में अन्य टीमें CSK की कमजोरियों को भांप चुकी हैं। उदाहरण के लिए, KKR ने चेपॉक में CSK को 103/9 पर रोककर लक्ष्य को 59 गेंद शेष रहते हासिल कर लिया, जो CSK की सबसे बड़ी हार में से एक थी। पंजाब किंग्स ने 220 रनों का लक्ष्य देकर CSK को 201 रनों पर रोका, जिसमें उनकी कसी हुई गेंदबाजी ने अहम भूमिका निभाई।विपक्षी टीमें CSK की स्पिन-निर्भरता और धीमी बल्लेबाजी का फायदा उठा रही हैं, जिसके चलते CSK दबाव में गलतियां कर रही है।क्या CSK वापसी कर सकती है?हालांकि CSK की स्थिति गंभीर है, लेकिन गणितीय रूप से वे अभी भी प्लेऑफ की दौड़ में हैं।

8 मैच बाकी हैं, और अगर वे 6-7 मैच जीत लेते हैं, तो 14-16 पॉइंट्स के साथ प्लेऑफ में जगह बना सकते हैं। इसके लिए जरूरी है:टॉप ऑर्डर का रन बनाना: कॉनवे, रविंद्रा, और त्रिपाठी को आक्रामक शुरुआत देनी होगी।मिडिल ऑर्डर की जिम्मेदारी: शिवम दुबे और दीपक हुड्डा को बड़े शॉट्स खेलने होंगे।स्पिनरों का कमाल: जैसे-जैसे पिचें खराब होंगी, जडेजा, अश्विन, और नूर अहमद को प्रभावी होना होगा।

धोनी का जादू: धोनी को न केवल बल्ले से, बल्कि रणनीति में भी पुराना जादू दिखाना होगा।CSK का इतिहास बताता है कि वे मुश्किल हालात से उबर सकते हैं। 2010 में धोनी ने आखिरी ओवर में दो छक्कों के साथ जीत हासिल की थी, और 2023 में उन्होंने पांचवां खिताब जीता था। लेकिन इस बार चुनौती पहले से कहीं बड़ी है।

2025 में CSK की हार के पीछे कई कारण हैं—बल्लेबाजी में असंगति, स्क्वॉड का तालमेल न बैठना, रुतुराज की चोट, चेपॉक की बदली पिच, और अनुभवी खिलाड़ियों की फॉर्म। यह सीजन CSK के लिए अब तक का सबसे खराब रहा है, जिसमें चेपॉक में लगातार तीन हार और कुल मिलाकर पांच हार शामिल हैं। फिर भी, धोनी और CSK की विरासत को देखते हुए, प्रशंसक उम्मीद नहीं छोड़ रहे। क्या “थाला” धोनी एक बार फिर चमत्कार कर पाएंगे, या यह सीजन CSK की किताब में एक काला अध्याय बनकर रह जाएगा? यह देखना बाकी है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *