ragging नही UGC की एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन और नियम

Kanha Masram








रैगिंग नहीं – सुरक्षित और सम्मानजनक कैंपस की दिशा में कदम

#रैगिंगनहीं – सुरक्षित और सम्मानजनक कैंपस की दिशा में

हर साल हजारों छात्र-छात्राएं जब कॉलेज में प्रवेश लेते हैं, तो वे एक नए जीवन की उम्मीद लेकर आते हैं। लेकिन रैगिंग जैसी कुप्रथा उनके इस अनुभव को डरावना बना सकती है।

क्या है रैगिंग?

रैगिंग एक प्रकार की शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक उत्पीड़न की प्रक्रिया है जो वरिष्ठ छात्र नए छात्रों पर लागू करते हैं। यह अपराध न केवल अवैध है, बल्कि मानवीय गरिमा के खिलाफ भी है।

UGC की सख्त नीति: रैगिंग पर जीरो टॉलरेंस

University Grants Commission (UGC) ने रैगिंग को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए हैं। सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि:

  • कॉलेज कैंपस पूरी तरह से रैगिंग मुक्त हो
  • antiragging.in पर संस्थान अपनी रिपोर्ट समय पर भरें
  • सभी छात्रों और अभिभावकों से एंटी-रैगिंग एफिडेविट भरवाएं

24×7 राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर

अगर आप या आपके जानने वाले को रैगिंग का सामना करना पड़ा है, तो तुरंत इस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें:

📞 1800-180-5522 (टोल-फ्री)

छात्रों के अधिकार क्या हैं?

  • आप रैगिंग के खिलाफ शिकायत करने के लिए स्वतंत्र हैं
  • आपकी पहचान गुप्त रखी जाएगी
  • कॉलेज प्रशासन कार्रवाई करने के लिए बाध्य है

रैगिंग करने पर क्या सज़ा हो सकती है?

  • कॉलेज से सस्पेंशन या निष्कासन
  • कानूनी कार्यवाही और जेल
  • छात्रवृत्ति रद्द करना

कॉलेज प्रशासन की जिम्मेदारी

  • रैगिंग विरोधी पोस्टर कैंपस में लगाना
  • नोडल अधिकारी की नियुक्ति
  • हर शिकायत की रिकॉर्डिंग और कार्रवाई

www.antiragging.in और UGC की अपील

यूजीसी ने सभी संस्थानों को निर्देशित किया है कि वे www.antiragging.in पर रैगिंग रोकथाम से जुड़ी जानकारी अपडेट करें और हेल्पलाइन के प्रति जागरूकता बढ़ाएं।

एक सकारात्मक बदलाव की ओर कदम

एक रैगिंग मुक्त कैंपस न सिर्फ सुरक्षित होता है, बल्कि एक स्वस्थ और सशक्त शिक्षण वातावरण प्रदान करता है। यह हर छात्र की जिम्मेदारी है कि वह इस मुहिम का हिस्सा बने।

#रैगिंगनहीं – आइए मिलकर एक ऐसा भारत बनाएं, जहाँ शिक्षा का मतलब सम्मान और सुरक्षा हो।

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📢 अंतिम संदेश

अगर आप रैगिंग का शिकार हैं या किसी और को पीड़ित होते देख रहे हैं, तो चुप न रहें। आज ही 1800-180-5522 पर कॉल करें और मदद लें। आपकी आवाज बदलाव ला सकती है।


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