Duplicate Voters India
राहुल गांधी का ECI पर बड़ा आरोप: ‘मोदी ने 1 लाख से ज्यादा वोट चुराए’
नई दिल्ली, अगस्त 2025: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (ECI) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि केवल एक विधानसभा सीट में 1,00,250 फर्जी वोट डाले गए हैं। इस खुलासे को उन्होंने ‘एटम बम’ बताया है, जो देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को झकझोर कर रख देता है।
कांग्रेस का दावा: कैसे हुआ ‘वोट चोरी’?
- फर्जी पते (Fake Addresses): 40,009 वोटर ऐसे थे जिनके पते ही अस्तित्व में नहीं हैं।
- अमान्य फोटो (Invalid Photos): 14,132 वोटरों की फोटो वोटर लिस्ट में स्पष्ट नहीं है या गलत है।
- फॉर्म 6 का दुरुपयोग (Misuse of Form 6): 33,692 फर्जी वोट इसी फॉर्म के गलत इस्तेमाल से जोड़े गए।
- डुप्लीकेट वोटर: 11,965 लोगों के नाम एक से ज्यादा बार वोटर लिस्ट में थे।
- एक ही पते पर सैकड़ों वोटर: 10,452 वोटर एक ही घर के पते पर रजिस्टर्ड थे।
राहुल गांधी ने क्या कहा?
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा, “अगर लोकतंत्र बचाना है, तो हमें ऐसे ‘फर्जीवाड़े’ को उजागर करना होगा। ये कोई छोटी बात नहीं है। हमने सबूतों के साथ एक-एक आंकड़ा रखा है। देश की जनता के साथ यह धोखा है।”
सबूत क्या हैं?
राहुल गांधी ने मंच से एक फाइल दिखाई, जिसमें 33,692 वोटों के Form 6 के दुरुपयोग का डेटा शामिल था। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक सीट की रिपोर्ट है, पूरे देश में इस तरह की धांधली फैली हुई है।
चुनाव आयोग की चुप्पी पर सवाल
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए पूछा कि इतने बड़े पैमाने पर हुई इस गड़बड़ी पर आयोग ने अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
- भाजपा की प्रतिक्रिया: अभी तक भाजपा या पीएम मोदी की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
- कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश: इस खुलासे के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ट्विटर और सोशल मीडिया पर ‘#VoteChori’ ट्रेंड करवाया।
क्या होगा आगे?
अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या चुनाव आयोग इस गंभीर आरोप पर जांच करेगा या मामला सिर्फ सियासी बयानबाज़ी तक सीमित रह जाएगा। विपक्ष इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बता रहा है, वहीं आम जनता भी सच्चाई जानने को लेकर चिंतित है।
🔴 लोकतंत्र पर खतरा?
अगर राहुल गांधी के लगाए गए आरोप सही साबित होते हैं, तो यह भारत की चुनावी प्रणाली और लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है।
📌 आगे क्या?
देश की चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बेहद जरूरी है। ऐसे मामलों की निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई ही लोकतंत्र को मजबूत कर सकती है। जनता को सच जानने का अधिकार है, और सिस्टम को अपनी जवाबदेही निभानी होगी।
✅ जरूरी बातें:
यह पोस्ट किसी राजनैतिक पार्टी का समर्थन या विरोध नहीं करती।
यह केवल राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों की रिपोर्टिंग है।
किसी भी संवेदनशील दावे को सत्य मानने से पहले आधिकारिक पुष्टि आवश्यक है।