भारत की जलवायु: प्रकार, विशेषताएं और मानसूनी प्रभाव | UPSC के लिए सम्पूर्ण गाइड

Kanha Masram





भारत की जलवायु: प्रकार, विशेषताएं और प्रभाव – UPSC के लिए जरूरी टॉपिक




🌦️ भारत की जलवायु: प्रकार, विशेषताएं और UPSC में महत्त्व

भारत की जलवायु UPSC जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है। इसका अध्ययन भारतीय भूगोल, पर्यावरण और नीति निर्माण के लिए बेहद आवश्यक है।

📍 भारत की जलवायु की परिभाषा

जलवायु का अर्थ है किसी स्थान पर लंबे समय तक बने रहने वाले मौसम के औसत दशा। भारत में यह भौगोलिक विविधताओं के कारण जटिल और विविध है।

🌏 भारत की जलवायु के प्रकार

  • मानसूनी जलवायु (Monsoonal Climate)
  • उष्णकटिबंधीय आर्द्र (Tropical Wet)
  • उष्णकटिबंधीय शुष्क और अर्ध-शुष्क
  • पर्वतीय जलवायु (Mountain Climate)

🧭 भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक

  1. भौगोलिक स्थिति (Latitude)
  2. ऊंचाई और स्थलाकृति
  3. समुद्र से दूरी
  4. पवनों की दिशा और गति
  5. समुद्री धाराएँ

🌦️ मौसम के चार प्रमुख प्रकार

  • गर्मी का मौसम – मार्च से मई
  • मानसून का मौसम – जून से सितंबर
  • शरद ऋतु – अक्टूबर और नवंबर
  • सर्दी का मौसम – दिसंबर से फरवरी

📚 UPSC के लिए मुख्य तथ्य

  • भारत का जलवायु प्रकार – उष्णकटिबंधीय मानसूनी
  • मानसून की उत्पत्ति – ITCZ और जेट स्ट्रीम से प्रभावित
  • सबसे अधिक वर्षा – मासिनराम (मेघालय)
  • जलवायु परिवर्तन का प्रभाव – सूखा, बाढ़, कृषि उत्पादन में गिरावट

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❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1: भारत में कितने प्रकार की जलवायु पाई जाती है?

मुख्यतः चार प्रकार – उष्णकटिबंधीय आर्द्र, शुष्क, मानसूनी और पर्वतीय।

Q2: UPSC के लिए जलवायु क्यों जरूरी है?

यह भूगोल, पर्यावरण और नीतिगत प्रश्नों में बार-बार पूछा जाता है।

Q3: भारत का सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान कौन-सा है?

मासिनराम, मेघालय।

📌 स्रोत: imd.gov.in | upsc.gov.in

📅 अपडेट किया गया: अगस्त 2025 | ✍ लेखक: Morning Express टीम


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