भारत-फिलीपींस की नई दोस्ती: रणनीतिक साझेदारी के मायने
दिनांक: 5 अगस्त 2025 | लेखक: IR & Defence डेस्क
📌 क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2025 को यह घोषणा की कि भारत और फिलीपींस ने अपनी द्विपक्षीय संबंधों को अब रणनीतिक साझेदारी में बदल दिया है। इस साझेदारी में सैन्य सहयोग, रक्षा तकनीक साझा करना, और समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों पर विशेष जोर रहेगा।
🌏 रणनीतिक साझेदारी के पीछे की सोच
- दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता पर काउंटर बैलेंस
- इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की एक्टिव भूमिका
- ASEAN देशों के साथ गहरे रिश्ते बनाना
- डिफेंस एक्सपोर्ट (जैसे ब्रह्मोस मिसाइल) को बढ़ावा
🌊 दक्षिण चीन सागर में भारत की भूमिका
भारत अब फ्रीडम ऑफ नेविगेशन का समर्थन करता है और वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि सभी समुद्री मार्ग अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार खुले रहें। फिलीपींस के साथ यह समझौता भारत की उस नीति को मजबूत करता है।
क्या यह चीन के लिए संदेश है?
जी हां। भले ही भारत सीधे नाम न ले, लेकिन यह रणनीति चीन की विस्तारवादी नीति को संतुलित करने की दिशा में एक कदम मानी जा रही है।
🛡️ सैन्य सहयोग में क्या शामिल होगा?
- संयुक्त नौसैनिक अभ्यास (Naval Exercises)
- डिफेंस टेक्नोलॉजी साझा करना
- भारत से हथियारों की आपूर्ति, जैसे ब्रह्मोस मिसाइल
- साइबर सुरक्षा और निगरानी प्रणाली
🇮🇳 भारत की विदेश नीति में नया अध्याय
यह साझेदारी भारत की “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” और इंडो-पैसिफिक विजन के तहत एक रणनीतिक उपलब्धि है। इससे भारत को क्षेत्रीय स्थिरता में एक प्रमुख शक्ति के रूप में मान्यता मिलेगी।
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भारत और फिलीपींस की रणनीतिक साझेदारी सिर्फ एक द्विपक्षीय समझौता नहीं, बल्कि यह भारत की विदेश नीति का एक मजबूत भू-राजनीतिक संकेत है। इससे ना सिर्फ दक्षिण चीन सागर में भारत की उपस्थिति बढ़ेगी, बल्कि यह अन्य ASEAN देशों को भी भारत के करीब लाने में मदद करेगा।