“पैसे की वजह से टूटा घर”कहानी का सार:
यह कहानी एक मध्यमवर्गीय परिवार की है, जो पैसे की तंगी और लालच के कारण टूट जाता है। कहानी में दिखाया जाता है कि कैसे प्यार, विश्वास और रिश्ते पैसे के आगे कमजोर पड़ जाते हैं, लेकिन अंत में एक किरदार को यह एहसास होता है कि रिश्तों की कीमत पैसे से कहीं ज्यादा है।
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1: खुशहाल शुरुआत
कमल और सुनीता, एक साधारण मध्यमवर्गीय दंपति, अपने दो बच्चों, राहुल और प्रिया, के साथ एक छोटे से घर में रहते हैं। कमल एक स्कूल शिक्षक है और सुनीता गृहिणी। परिवार में छोटी-मोटी बहस होती है, लेकिन प्यार और हंसी-मजाक से घर गुलज़ार रहता है।
(दृश्य: रात का खाना, सभी हंसते-बोलते हुए खाना खा रहे हैं। कमल बच्चों को स्कूल की कहानियां सुना रहा है।)
आर्थिक तंगी
कमल की तनख्वाह कम पड़ने लगती है। प्रिया की स्कूल फीस, राहुल की कोचिंग, और घर के खर्चे बढ़ते जा रहे हैं। सुनीता कमल से नौकरी बदलने या अतिरिक्त काम करने को कहती है। कमल चुपचाप सहमति देता है, लेकिन तनाव बढ़ने लगता है।
(दृश्य: कमल रात को हिसाब-किताब करता है, सुनीता चिंतित होकर उसे देखती है। बच्चे कमरे में पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन माता-पिता की बहस सुन लेते हैं।)
: लालच का प्रवेश
कमल के पुराने दोस्त राजेश, जो अब एक अमीर बिजनेसमैन है, कमल को एक “जल्दी अमीर बनने” की स्कीम में शामिल होने का लालच देता है। यह स्कीम एक मल्टी-लेवल मार्केटिंग (MLM) कंपनी की है, जिसमें बड़ा निवेश करना पड़ता है। कमल पहले हिचकता है, लेकिन सुनीता उसे प्रोत्साहित करती है, यह सोचकर कि इससे उनकी जिंदगी बदल जाएगी।
(दृश्य: राजेश कमल और सुनीता को एक शानदार प्रेजेंटेशन दिखाता है। सुनीता उत्साहित है, लेकिन कमल के चेहरे पर संदेह है।)
टूटते रिश्ते
कमल अपने सारे पैसे और कुछ उधार लेकर स्कीम में निवेश करता है। लेकिन स्कीम फर्जी निकलती है, और सारा पैसा डूब जाता है। कमल और सुनीता एक-दूसरे पर दोष मढ़ने लगते हैं। घर में रोज़ झगड़े होने लगते हैं। बच्चे डर और उदासी में जीने लगते हैं।
(दृश्य: कमल और सुनीता चिल्ला-चिल्लाकर झगड़ रहे हैं। राहुल और प्रिया अपने कमरे में डरे हुए बैठे हैं। प्रिया रोते हुए कहती है, “पापा-मम्मी अब पहले जैसे क्यों नहीं हैं?”)
परिवार का बिखरना
कमल टूट चुका है और शराब पीने लगता है। सुनीता अपने मायके चली जाती है, बच्चों को साथ ले जाकर। कमल अकेला रह जाता है, और उसका घर अब एक खाली खोल बन जाता है।
(दृश्य: कमल अंधेरे कमरे में अकेला बैठा है, पुरानी पारिवारिक तस्वीर देख रहा है। बाहर बारिश हो रही है।)
: आत्म-जागरूकता और नई शुरुआत
एक दिन कमल को राहुल का एक पत्र मिलता है, जिसमें वह लिखता है कि उसे पैसे नहीं, बल्कि अपने पिता का प्यार और साथ चाहिए। कमल को अपनी गलतियों का एहसास होता है। वह शराब छोड़ता है, छोटी-मोटी नौकरी शुरू करता है, और अपने परिवार को वापस लाने की कोशिश करता है।
(दृश्य: कमल सुनीता के मायके जाता है। वह सुनीता और बच्चों से माफी मांगता है। सुनीता पहले गुस्सा करती है, लेकिन बच्चों की खुशी देखकर वापस आने को राज़ी हो जाती है।)
नया सवेरा
परिवार फिर से एक साथ है। हालात अभी भी कठिन हैं, लेकिन अब वे एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ते। कमल और सुनीता बच्चों के साथ मिलकर छोटे-छोटे सपने देखते हैं, और पैसे से ज्यादा रिश्तों को अहमियत देते हैं।
(दृश्य: परिवार एक साथ पार्क में पिकनिक मना रहा है। बच्चे हंस रहे हैं, और कमल-सुनीता एक-दूसरे का हाथ थामे मुस्कुरा रहे हैं।)अंतिम संदेश:
“पैसा ज़रूरी है, लेकिन रिश्तों की कीमत उससे कहीं ज्यादा। लालच और गलतफहमियां घर तोड़ सकती हैं, लेकिन प्यार और विश्वास उसे फिर से जोड़ सकते हैं