उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने के बाद बर्बादी का दृश्य – 5 अगस्त 2025

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    उत्तरकाशी धराली आपदा – 5 अगस्त 2025

    उत्तरकाशी के धराली गांव में तबाही

    5 अगस्त 2025 को मात्र 34 सेकंड में बर्बादी का मंजर

    लेखक: UPSC अपडेट डेस्क | तारीख: 6 अगस्त 2025

    भूमिका

    5 अगस्त 2025 को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के हर्षिल घाटी के पास स्थित धराली गांव में एक भीषण प्राकृतिक आपदा आई। यह घटना मात्र 30-35 सेकंड के भीतर घटी, जिसने गांव के घरों, होटलों और बाजार को पूरी तरह तबाह कर दिया। इस घटना ने क्लाइमेट चेंज, ग्लेशियर जोखिम, और पर्वतीय आपदाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

    आपदा की प्रकृति

    स्थानीय प्रशासन और वैज्ञानिकों की शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, इस आपदा के तीन संभावित कारण हो सकते हैं:

    • बादल फटना (Cloudburst) – हालांकि IMD ने 4-5 अगस्त को केवल 8-10 मिमी बारिश दर्ज की, पर जिला प्रशासन ने तीन बादल फटने की घटनाएं रिकॉर्ड की हैं।
    • अस्थायी झील या प्राकृतिक डैम का टूटना – वैज्ञानिकों का मानना है कि जंगलों के पीछे किसी स्थान पर अस्थायी जलभराव या डैम बना था, जो अचानक टूटा।
    • ग्लेशियर या हिमस्खलन – श्रीकंठ पर्वत क्षेत्र में ग्लेशियर से टूटकर भारी मात्रा में बर्फ और मलबा नीचे आया, जिससे फ्लैश फ्लड उत्पन्न हुआ।

    आपदा की तीव्रता

    यह फ्लैश फ्लड 43 किमी/घंटा की रफ्तार से आया। यह गति 2013 की केदारनाथ आपदा जैसी ही थी। गांव की घनी बसावट, पर्यटक होटल, और बाजार नदी के किनारे स्थित होने की वजह से नुकसान अधिक हुआ।

    स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया

    उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शार्दूल गुसांई ने बताया कि आपदा की जड़ तक पहुंचने के लिए सैटेलाइट तस्वीरों और मौसम डेटा का विश्लेषण जारी है। राहत एवं बचाव कार्यों में SDRF, NDRF और स्थानीय पुलिस को लगाया गया है।

    UPSC दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बिंदु

    • आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 का क्रियान्वयन
    • क्लाइमेट चेंज और हिमालयी इकोसिस्टम के बीच संबंध
    • ग्लेशियर झील विस्फोट (GLOF) का अध्ययन
    • स्थानीय समुदाय की आपदा से निपटने की क्षमता (Community Resilience)

    निष्कर्ष

    धराली की त्रासदी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा का खतरा किस कदर बढ़ रहा है। जलवायु परिवर्तन, अनियंत्रित विकास और कमजोर बुनियादी ढांचे के कारण ऐसी आपदाएं अब आम होती जा रही हैं। नीति निर्माताओं को चाहिए कि वे वैज्ञानिक शोध, जलवायु-संवेदनशील योजना और स्थानीय समुदायों को साथ लेकर दीर्घकालिक समाधान विकसित करें।

    FAQ – उत्तरकाशी धराली आपदा 2025

    उत्तरकाशी के धराली गांव में क्या हुआ?

    5 अगस्त 2025 को अचानक बादल फटने जैसी स्थिति में गांव में तेज पानी और मलबा आया जिससे गांव का बड़ा हिस्सा तबाह हो गया।

    क्या यह बादल फटना था?

    IMD के अनुसार बारिश केवल 8-10mm थी, लेकिन स्थानीय प्रशासन और विशेषज्ञ इसे अस्थायी झील के टूटने से आई बाढ़ मान रहे हैं।

    इस घटना से UPSC के लिए क्या सीखा जा सकता है?

    Disaster Management, Himalayan Geography और Climate Change जैसे UPSC टॉपिक के लिए यह केस स्टडी बेहद उपयोगी है।

    उत्तरकाशी धराली आपदा 2025: बादल फटने से तबाही

    धराली गांव में आपदा का समय और घटनाक्रम

    क्या बादल फटा या ग्लेशियर टूटा?

    कितना नुकसान हुआ – जानें विवरण

    आपदा प्रबंधन और प्रशासन की प्रतिक्रिय

    क्लाइमेट चेंज का बढ़ता असर

    UPSC और छात्रों के लिए सीख

    पहाड़ों में खतरे की घंटी

    यह लेख UPSC उम्मीदवारों के लिए समर्पित है जो आपदा प्रबंधन, पर्यावरण और भूगोल के विषय में गहराई से अध्ययन कर रहे हैं।


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